बसता
है
जंहा मन मेरा
चिड़ियों की चहचहाट
बताती है
हो गया सवेरा ... |
सूरज की पहली किरण
करती है नमन
चांदी की तरह
चमचमाती
खिलखिलाती
जल धारा की
यात्रा का
होता है आरम्भ |
देवी देवता
करते हैं अवलोकन
और ...
उनके चरणों में
समर्पित पुष्प
सुगन्धित कर रहें हैं
विश्व का वातावरण |
नमन करता हूँ
मन तुझको
तू अब भी
कम से कम
विचरता है वंहा
जंहा हैं वे लोग
जो जिन्दा रखे हैं
अपनी संस्कृति....
धरोहर ....
जंहा मन मेरा
चिड़ियों की चहचहाट
बताती है
हो गया सवेरा ... |
सूरज की पहली किरण
करती है नमन
चांदी की तरह
चमचमाती
खिलखिलाती
जल धारा की
यात्रा का
होता है आरम्भ |
देवी देवता
करते हैं अवलोकन
और ...
उनके चरणों में
समर्पित पुष्प
सुगन्धित कर रहें हैं
विश्व का वातावरण |
नमन करता हूँ
मन तुझको
तू अब भी
कम से कम
विचरता है वंहा
जंहा हैं वे लोग
जो जिन्दा रखे हैं
अपनी संस्कृति....
धरोहर ....
परम्परा
...को |
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