मंगलवार, 28 मई 2013

British Army Medal-1914

मेरी माँ  जी  ने अपने  पिता  अर्थात   हमारे  नाना  जी  को   मिले  इस   मैडल  को   अभी  तक  बतौर   निशानी 
संभाल कर रखा है । इन दिनों मैं अपने पिताजी स्व . झब्बन लाल विध्यावाचस्पति के ब्यक्तित्व एवं कृतित्व  को एक पुस्तक की शक्ल देने का प्रयास कर रहा  हूँ । तब माँ से अक्सर बातें करके रोज ही नयी - नयी जानकारियां मिलती रहती हैं । ऐसी ही एक जानकारी माँ ने इस मैडल के रूप में उपलब्ध करायी । ६० वर्षों से भी अधिक  किसी ऐतिहासिक दस्तावेज को सहेज कर रखना कोई उनसे सीखे । जबकि   नाना   जी   के मृत्यु  सन १९४७ के  आस - पास  हो  गयी थी उस  समय   माँ   गायत्री   देवी  की   उम्र   लगभग  दस - ग्यारह  साल  और उनके छोटे भाई धर्मपाल की दो साल रही होगी । माँ को सिर्फ इतना याद है कि उनके पिता फौज में हवालदार थे ।  ज्यादा  जानकारी उनको भी नहीं मालूम । नाना जी को गाँव धरासू में  सुंदर मणी (सौन्द्री ) नाम से जाना जाता था । 
 
@२०१३ विजय मधुर