गुरुवार, 11 नवंबर 2010

मौसम

खेल  का मौसम
आया  है भाई
आवो खेलें
पकड़म पकडाई |
 एक ही थाली के
चटे बटे हम
 चाहे हों ........
किसी भी पाले में
छुप सकते हैं बिल्डिंग के
किसी भी माले में |
 पूरे खेल का होगा
लाइव टेलीकास्ट
दुखड़ा अपना भूल
देखेंगे लोग
आंखे फाड़ फाड़ |
 कौन जीता 
 कौन हारा
किसने किसको मारा
सोचना काम नहीं हमारा |
 रणनीति के लिए
बीच बीच में
जो आयेंगे ब्रेक
उसमे हो सकते हैं
फिर से एक |
 खेल  का मौसम
आया  है भाई
आवो खेलें खेल
पकड़म पकडाई |
  Copyright © 2010 विजय मधुर

शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

शुभ दीपावली

दीपावली - २०१०
विजय मधुर
दीप जलें
हर घर में
सितारों सी
जगमगाए धरती
मिले अनुकम्पा
माँ लक्ष्मी की
पूर्ण हो मुरादें 
हम सबकी |