शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

कविता: प्यारा शहर

स्वच्छ होगा चमन तो
खिलेंगे फूल बहारों में
इठलायेंगी तितलियां

आँगन बाग़ बगीचों में
घटाएं बिखेरेंगी खुशबू
वातावरण कर देगा
स्वतः ही धराशायी
बीमारी फ़ैलाने वाले
तमाम जंतुओं को
चाहे हों थलचर
जलचर या नभचर
ऐसे में भला 

कैसे न रहेगा
मस्त एवं स्वस्थ
हमारा अजीज़
प्यारा शहर।

@10/2019 विजय मधुर