आओ रे आओ रे
खेलें सब मिल होली ।
आया बसंत
झूमें सब तरुवर
पंछी बोलें मीठी बोली
आओ तुम भी
आयें हम भी
खेलेंगे मिल होली ।
आओ रे आओ रे
खेलें सब मिल होली ।
उड़े गुलाल और
मार पिचकारी
गूंजे खुशियों की किलकारी
हम तुम हैं हमजोली
खेलेंगे मिल होली ।
आओ रे आओ रे
खेलें सब मिल होली ।
मजनू मिंया भी
खेलन चले हैं
अपनी लैला संग होली ....
काहे पिया तुम
चुप बैठी हो
मन ही मन
सोच रही हो
आये हमार घर डोली ।
आओ रे आओ रे
खेलें सब मिल होली ।
सारी खुशियाँ
तुझ पे लुटा दूं
रंग बसन्ती
चुनरी उढ़ा लूं
अब बनो ना
ज्यादा भोली
खेलो हम संग होली ।
आओ रे आओ रे
खेलें सब मिल होली ।
@२०१३(1987) विजय मधुर
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