बुधवार, 27 मार्च 2013

होली का त्यौहार











बसंत   आया 
तरुओं ने ली अंगड़ाई 
फूलों से लकदक डालियों में 
देखो कैसे बहार है आयी । 

खुशियों संग गुलाल के 
छाये हैं नभ में मेघ 
ढोलक की थाप में नाचें सभी 
एक दूजे को देख । 

पकवानों की थाल में 
गुजिया का क्या कहना 
रंग बिरंगे परिधानों में 
गुलाल बना है गहना । 

मस्ती भरा दिन है 
बरसे रंगों की बौछार 
मनाएं सब रंज भूलकर 
होली का पावन त्यौहार । 

@२०१३ विजय मधुर 

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