बुधवार, 15 अगस्त 2012

आजादी का अर्थ

तश्वीर 
देश की देख 
उनकी आँखें 
नम हैं 
छवि जो 
संजोई थी 
बलिदान से पूर्व 
उसका गम है ।
कैसे धर सकतें हैं ?
अपने ही भाई 
ऐसा कुत्षित वेश 
लूट - पाट ...
हत्या ....
अत्याचारों से  
हुआ  यह कैसा देश  ।
बहुमूल्य रत्न 
धन दौलत 
कैद है 
भूख ... बीमारी ....
मदद  मांगते हाथ 
अपनों के  दंस  से 
आतंकित  लोग
सातवें दशक में भी 
यह कैसा भेद है !
शहीद मरते नहीं 
रहते हैं सदा अमर 
पूर्व ... पश्चिम ..
उत्तर .... दक्षिण ..
है सबको खबर
आजादी का अर्थ 
मनमानी ...
लूट खसोट 
छोटी मछली 
बड़ी मछली नहीं 
समय रहते  खुद को  
बदलो तो सही  ।

@विजय मधुर 

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