गांवो में जंगल
शहरों में मंगल
आ गया सर पर चुनाव
शुरू हो गया दंगल !
गढ़े मुर्दे उखाड़ो
नयी शिलापटों का
शिलान्यास
पुरानी उखाड़ो !
साल दर साल
उखाड़ी सड़कें
कभी पेयजल
तो कभी
किसी और नाम पर
अब जागे ....बजीर
प्यादों पर भड़के !
भ्रष्टाचारी दानव
निगल गए
मानव के मानव
जिनके न थे आका
फँस गए ........
बाकी सब
पाक दामन !
बेरोजगारों को
आश्वासन
नौकरसाहों को
प्रलोभन
बड़ा सुकून
चलो...... टल गए
सारे आन्दोलन !
पासों का जमाना गया
शतरंज है विशाल
हाथी ... घोड़े .....
ऊँट ..... बजीर ....
से पहले ....
है प्यादों की चाल !
शहरों में मंगल
आ गया सर पर चुनाव
शुरू हो गया दंगल !
गढ़े मुर्दे उखाड़ो
नयी शिलापटों का
शिलान्यास
पुरानी उखाड़ो !
साल दर साल
उखाड़ी सड़कें
कभी पेयजल
तो कभी
किसी और नाम पर
अब जागे ....बजीर
प्यादों पर भड़के !
भ्रष्टाचारी दानव
निगल गए
मानव के मानव
जिनके न थे आका
फँस गए ........
बाकी सब
पाक दामन !
बेरोजगारों को
आश्वासन
नौकरसाहों को
प्रलोभन
बड़ा सुकून
चलो...... टल गए
सारे आन्दोलन !
पासों का जमाना गया
शतरंज है विशाल
हाथी ... घोड़े .....
ऊँट ..... बजीर ....
से पहले ....
है प्यादों की चाल !
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