एक ख़ामोशी के पश्चात
दौड़ने लगी हैं
जिंदगी
फिर से सड़कों पर
भीड़ पहले से ज्यादा
|
हादसे का बोझ
सिर पर लादकर
वह जिंदगियां भी
सरकने लगी हैं ..
जिनकी छत
ढही है अभी – अभी |
बड़ा शहर
बड़ी बातें
चलती का नाम गाड़ी
सब्रदार है यंहा
नया ......या
अनाड़ी |
संतों की
आलीशान
कुटिया यंहा
देते उपदेश
पढ़ाते पाठ
धैर्य – धारण में
सोलह दूनी आठ |
जीना मरना
कहते हैं
उसके हाथ में
चुरा ली है
शक्ति उससे भी
शैतानों ने ....
बातों ही बात में |
@२०१५ विजय मधुर
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