२० अगस्त को धाद देहरादून द्वारा विख्यात कवि स्व. चंदर कुंवर बर्थवाल की जयंती को काव्य गोष्टी के रूप में मनाया जिसमे नगर के एक दर्जन से भी ज्यादा कवियों ने रचना पाठ किया ! साथ उस महा कवि की रचनाओं को पढ़ा गया जिनकी आत्मा अल्पायु में ही परमात्मा में बिलीन हो गयी !जैसा कि गोष्टी में कोटनाला जी ने बताया कि चंदर कुंवर महा कवि काली दास को अपना गुरु मानते थे !
उसमे प्रस्तुत मेरी कवितायें .....
एक
अपनी कविता धार का पेड़ सुनाते अवनीश उनियाल |
गेट वे ऑफ़ इंडिया
शांति वन
शांति वन
रामलीला मैदान
जंतर मंतर में
क्या है अंतर .....
भ्रष्टाचार का घडा
हो गया है बड़ा
पहरा कंहा
रह गया कड़ा ....
सिसकती
ब्यवस्था
देख सब
तहस -नहस...
बोलो किससे
करें बहस ....
दो
कविता पाठ करती डॉ. आशा रावत |
मौसम आया
बारिश का
भीग रही है डाली
देख हर्षित हो
नाचे गाये
एक छोर पर माली ...
धूप से कुम्लाहे
पौधों पर
छा गयी है हरियाली
बगिया देख
खुशी से झूमे
एक छोर पर माली....
हर मौसम का
अपना रंग
कभी गाते भँवरे
तितलियाँ मतवाली
मधुर गीतों में
झूम रहा है
एक छोर पर माली ....
मौसम आया.................
Copyright © 2011 विजय मधुर
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