सोमवार, 21 मार्च 2011

हमने खेली होली

हमने खेली
खूब होली |
रंग बिरंगे
रंगों से
भीगे
और ......
भिगोया |
झूमते
नाचते गाते
राह में
सबको खूब
नचाया  |
गले मिले सब
कोई अपनी मस्ती में
तो कुछ 
उसकी ...... |
दूसरे दिन भी
उतरी नहीं
जो चढी है
खुसकी ...|
देखो कुदरत
का अजब तमाशा
कंही पिचकारियाँ |
कंही बरसते बम
तो कंही ...
भूख ...प्यास ....
बिछोह की
किलकारियां |
हमने खेली
खूब होली |
रंग बिरंगे
रंगों से
भीगे
और ......
भिगोया |
Copyright © 2011 विजय मधुर

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