शनिवार, 9 अक्तूबर 2010

दो क्षणिकाएं


एक

कीड़े मकोड़ों  की तरह 
रेंगते ......
मची है रेलम पेल
मेल-जोल में से  
मेल में आ गया झोल
रह गयी  सिर्फ मेल(ईमेल ) |

दो
बच्चा बच्चा नेट पर बैठा
कर रहा है चैट 
पढने के नाम से 
होता है मूड अपसेट |

Copyright © 2010 विजय मधुर

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आभार