गढ़_चेतना
......छोटा सा प्रयास ...प्रोत्साहन आपका ...
रविवार, 16 जनवरी 2011
नव बर्ष में
कुछ बातें
कुछ वादे
छोड़ गया
बीता बर्ष |
गुदगुदाती
खुशनुमा
यादों का
दे गया कर्ज |
करूँ कैसे अदा
रहो संग सदा
लुभाना तो आता नहीं
बसीं हैं मन में बस वही अदा |
Copyright © 2011 विजय मधुर
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